nirajnabhamFeb 6, 20221 min readस्लेटकितना आसान है सिद्धांतों का लिखना साफ-सुथरी स्लेट पर। किन्तु ज्ञात नहीं यदि-स्लेट साफ करना तो व्यर्थ है-सिद्धांतों को जानना और बुरा है-सिद्धांतों का लिखनादागदार स्लेट परहोती है और गंदी इससे सिर्फ स्लेट और होते हैं क्रमश: वीर्यहीन सिद्धान्त।
कितना आसान है सिद्धांतों का लिखना साफ-सुथरी स्लेट पर। किन्तु ज्ञात नहीं यदि-स्लेट साफ करना तो व्यर्थ है-सिद्धांतों को जानना और बुरा है-सिद्धांतों का लिखनादागदार स्लेट परहोती है और गंदी इससे सिर्फ स्लेट और होते हैं क्रमश: वीर्यहीन सिद्धान्त।
करें भी तो क्या करें एकरसता, एक तान, एक ऊब___ हो रहा है सब कुछ तयशुदा तरीके से सभी चीजें हैं अपनी जगह वैसे ही जैसे कि उसे होना चाहिए हर चीज है पहले से निश्चित...
आदिम आनन्द अब भी आकर्षक है तेरा रूप फन काढ़े साँप की आँखों की तरह पटरियों पर उद्धत भागती रेल के इंजन की तरह । अब भी चंचल हैं तेरे भीत नयन डोलती हैं...
सपनों का सच सपने इन आँखों में थे सपने उन आँखों में थे सपने सबकी आँखों में थे। नहीं थी तो- सपनों की डोर जो जाती थी- एक आँख से दूसरी आँख तक। कोई सपनों...
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