nirajnabhamOct 2, 20231 min readसौंदर्य सत्य है सौंदर्य अब भी सत्य है प्रिये!अहम तो मिट जाता है हर जन्म के साथपर क्या करूँइस अनश्वर अस्तित्व कादेखता रहता है सपनेचाहता है कि खिलें फूल खिलें किसी कब्र पर या कि श्मशान मेंकहीं तो खिलें , क्योंकि-सौंदर्य अब भी सत्य है प्रिये!
सौंदर्य अब भी सत्य है प्रिये!अहम तो मिट जाता है हर जन्म के साथपर क्या करूँइस अनश्वर अस्तित्व कादेखता रहता है सपनेचाहता है कि खिलें फूल खिलें किसी कब्र पर या कि श्मशान मेंकहीं तो खिलें , क्योंकि-सौंदर्य अब भी सत्य है प्रिये!
करें भी तो क्या करें एकरसता, एक तान, एक ऊब___ हो रहा है सब कुछ तयशुदा तरीके से सभी चीजें हैं अपनी जगह वैसे ही जैसे कि उसे होना चाहिए हर चीज है पहले से निश्चित...
आदिम आनन्द अब भी आकर्षक है तेरा रूप फन काढ़े साँप की आँखों की तरह पटरियों पर उद्धत भागती रेल के इंजन की तरह । अब भी चंचल हैं तेरे भीत नयन डोलती हैं...
सपनों का सच सपने इन आँखों में थे सपने उन आँखों में थे सपने सबकी आँखों में थे। नहीं थी तो- सपनों की डोर जो जाती थी- एक आँख से दूसरी आँख तक। कोई सपनों...
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