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वक्त लगता है

  • nirajnabham
  • Jul 29, 2024
  • 1 min read

निगाह का परदा हटाने में वक्त लगता है

हाल ए दिल जुबान पे आने में वक्त लगता है

 

वो मुझे पहचान लेगा है यकीन मुझको

खुद को पहचानने में बड़ा वक्त लगता है

 

दीदार-ए-यार होगा हर एक दीवार में

तस्वीर उभरने में थोड़ा तो वक्त लगता है

 

मसरूफ़ियतें तेरी जो कभी कम होती

जानते कि दिल बहलने में वक्त लगता है

 

चढ़ा कर ईमान सूली पर होता है तजुर्बा कोई

हलाल ओ हराम साबित होने में वक्त लगता है

 

यक़ीन नहीं किसी पर तो दुआ कर

दुआ कुबूल होने में भी वक्त लगता है

 

मुखातिब ए अंजाम हो गया हूँ ज़ालिम

एक बार मुस्कराने में कितना वक्त लगता है 

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