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तुम्हीं दुआ करना

  • nirajnabham
  • Jan 12
  • 1 min read

मैं कहा करूँ और तुम  सुना करना

पोंछ कर आँसू हक- ए- दामन अता करना

 

शर्मा जाऊँगा मैं अपने गुनाह पर

मुझे देखकर इस कदर न मुस्कराया करना

 

सोचा बहुत कि जिंदगी रोशन कर दूँ

ताब-ए-जिंदगी है बहुत तुम न जलाया करना

 

मर नहीं जाऊँगा तेरी बेरुखी से पता है

बेधड़क नए- नए अंदाज से सताया करना

 

कौन सा शब आखिरी हो कौन जाने

दुआ करना भुलाया तुमने तुम्हीं दुआ करना

 

शिद्दत पैदा न हुई मेरे इश्क में जमाने से

कुसूर-ए-दिल-ए-नादान पे न शरमाया करना

 

एक ही झलक ने कर दिया था दीवाना

ये जलवे किसी और को अब फरमाया करना

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