क्या-क्या गिनोगे
- nirajnabham
- Jan 12
- 1 min read
आधी रात में उचटी नींद
आधी राह की थकान
आँखों का पहला ख़ुमार
सीने की, पहली जलन
पाँव के छाले
हाथ के फफोले
कितना गिनोगे
टूटी उम्मीद की किरचें
शगुन वाला सिक्का
आँखों में अंटकी मुस्कान
उपेक्षाजन्य तिरस्कार
कौंधती उम्मीद
बेख्वाब आँखों के आँसू
क्या-क्या गिनोगे
उठता तूफान, टूटते किनारे
जलता आशियाना
अरुणाभ आसमान
बिखरे सपने, हँसते फूल
कमरे में फुदकती गौरैया
खिड़की पर दम तोड़ती धूप
कितना गिनोगे
क्या-क्या गिनोगे
गिनने से नींद आती है
Comentarios