इस तस्वीर को जीने का सहारा कर ले
- nirajnabham
- Jan 12
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गर्मी ए शौक का नज़ारा कर ले
या शौक ए जिंदगी से किनारा कर ले
अना की आग में जलना नहीं मंजूर
हर कदम पर जलने का इरादा कर ले
करम करने को कभी जो दिल आए
नजारा अपने रुतबे का दोबारा कर ले
बैठे हैं राहगुज़र पे किसी उम्मीद से नहीं
तू भी कभी नहीं मिलने का इरादा कर ले
फूल खिलते रहेंगे जख्मों के चाहतों के
खून ए जिगर देने का बस इरादा कर ले
फर्क नहीं गर कोई उम्मीद नहीं बाकी
साँसों की हरारत मयकशी से शरारा कर ले
आँख नम थी उसकी भी बिछड़कर
इस तस्वीर को जीने का सहारा कर ले
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