दर्ज़ हैं इतिहास में नाम
हत्यारे सेना नायकों के
दानवीर, लुटेरे शासकों के
आज भी दर्ज़ कर रहा है नाम इतिहास
पहले से सम्पन्न, पहले से कुशल
कारिंदों की विशाल फ़ौज के साथ।
झाँकने वाला भी नहीं कोई
कुछ एक काउंटरों पर
कहीं दस्तक दे रहे हैं- दो-चार लोग।
व्यस्त हैं कुछ काउंटरों पर
दर्ज़ करने वाले
दर्ज़ करने में अपना ही इतिहास।
उमड़ रही है भीड़ कुछ काउंटरों पर
बनते जा रहे है तेजी से इतिहास
उनमें दर्ज़ होने वाले नाम-
और ओझल होते जाते है नज़रों से।
युद्धों के अनाम शिकार
मुनाफे में बदले कंगाल
न दर्ज़ हुए, न होंगे इनके नाम
अपनी तरह से इस्तेमाल करता है
सबको इतिहास।
बनाए जाते हैं चबूतरे
मूर्तियों के नीचे भी
और लिख दिया जाता है
चबूतरे पर मूर्ति का नाम ।
कभी कोई गाइड करेगा कोशिश
झटकने की- दो रूपया
किसी अनजान पर्यटक से
उस पत्थर की विशेषता बता कर।
दर्ज़ नहीं करेगा
उसका नाम भी इतिहास क्योंकि-
अपनी तरह से इस्तेमाल करता है
सबको इतिहास ।
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